कवी जो बदल घोनी
उसें ईयाद आयी
कितनै बातें कितने ,बारिस की तारा आयी रे बदल वी घोनी रे
दिल मैं जागें धड़कन ,नया गीत गाये
तुमारी पयार हरपाल ; ऐसें
आखिरी दिन अलबिदा न कहे
न कहे पल मैं तुम आयी उसें ईयाद आयी
इ गगन इ मगन इ पयार तुम्हारा
कवी न जाय ,आखो मैं बैट जाय ,काजल की तारा
नया नया अम्बर पकड़ , इस को काहे नज़दीक हमारा
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