Monday, 14 November 2016

freedom creativity !

चुनलिया उस आँखें नहीं  मुझे दर, नोयीं  दुनिया पर 
 बिता हुआ पल जाने लगी हैं ,आने वाला पल किसीकी और 
हर एक सवाल चोर के सिर्फ ओ आँखें की मोरे 
जहा बास्ते एक ज़ोहर। 





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