चुनलिया उस आँखें नहीं मुझे दर, नोयीं दुनिया पर
बिता हुआ पल जाने लगी हैं ,आने वाला पल किसीकी और
हर एक सवाल चोर के सिर्फ ओ आँखें की मोरे
जहा बास्ते एक ज़ोहर।
बिता हुआ पल जाने लगी हैं ,आने वाला पल किसीकी और
हर एक सवाल चोर के सिर्फ ओ आँखें की मोरे
जहा बास्ते एक ज़ोहर।
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