Monday, 24 October 2016

साम कुछ बदल गिया

साम कुछ बदल गिया 
इस जहा मैं तुम लागे पियारा 
ओ ईर्या ओ ईर्या 
रंगों सैं रंग मिलया ,गहरी दिन बने दीवाना 
लगे खुद को खुद इ जहा 
साम कुछ बदल गिया 

तुमारा खत तुमारा बात 
नस नस मैं चाँदनी सैं उज्जाला 
इ रात न रहैं बे जुबा जब तुम होगी जीत मेरा मेरी पियारी सुवा 
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